Very Short Story in Hindi: क्या आप भी छोटी-छोटी कहानियों के दीवाने हैं? इन कहानियों में छिपे होते हैं बड़े-बड़े सच। आइए, जानते हैं कि कैसे ये कहानियां हमारे जीवन को बदल सकती हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम हिंदी की कुछ बेहतरीन छोटी कहानियों के बारे में बात करेंगे और समझेंगे कि क्यों ये इतनी लोकप्रिय हैं।
परिचय
कहानियां हमारे जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं। बचपन से ही हम कहानियां सुनते आ रहे हैं। ये कहानियां हमें नई दुनिया दिखाती हैं, नए लोगों से मिलवाती हैं और नए अनुभव देती हैं। हिंदी साहित्य में छोटी कहानियों का एक समृद्ध इतिहास रहा है। ये कहानियां न केवल मनोरंजन करती हैं बल्कि हमें जीवन के कई महत्वपूर्ण सबक भी देती हैं।
छोटी कहानियों की खूबी यह है कि इन्हें पढ़ने में ज्यादा समय नहीं लगता। हम कहीं भी, कभी भी इन्हें पढ़ सकते हैं। ये कहानियां इतनी प्रभावशाली होती हैं कि हम इन्हें पढ़कर खुद को कहानी के पात्रों में ढूंढ लेते हैं। आगे पढ़े छोटी-छोटी कहानियां।
Very Short Story in Hindi (छोटी कहानी इन हिंदी)
इस लेख में KhojHal आपके के लिए हिंदी में छोटी कहानियों की एक विस्तृत श्रृंखला लेकर आया हैं, जैसे:-
कहानी 1: शेरू की दोस्ती का सबक
एक छोटे से जंगल में शेरू नाम का एक नन्हा खरगोश रहता था। शेरू हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहता था और सभी से प्यार से पेश आता था। एक दिन जंगल में एक बड़ा शेर आया। सभी जानवर डरकर छिप गए, लेकिन शेरू ने सोचा कि डरने की बजाय उससे दोस्ती करनी चाहिए।
शेरू ने हिम्मत जुटाई और शेर के पास गया। शेर ने देखा कि छोटा खरगोश उससे डर नहीं रहा, बल्कि मुस्कुरा रहा है। शेर को आश्चर्य हुआ और उसने शेरू से पूछा, “तुम मुझसे डर क्यों नहीं रहे?” शेरू ने कहा, “क्योंकि मैं मानता हूँ कि दोस्ती से सब कुछ संभव है।”
शेर शेरू की बात सुनकर प्रभावित हुआ और वादा किया कि वह जंगल में किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएगा। धीरे-धीरे सभी जानवर शेर के साथ सहज हो गए, और जंगल में शांति बनी रही।
सीख: हिम्मत और दोस्ती से डर को जीतना आसान होता है।
कहानी 9: चतुर गौरैया और मोर
एक बार की बात है, एक हरे-भरे जंगल में मोर और गौरैया रहते थे। मोर अपनी रंग-बिरंगी पंखों वाली सुंदरता पर बहुत गर्व करता था, जबकि गौरैया छोटी और साधारण दिखने वाली थी। एक दिन बारिश के बाद, दोनों पक्षी खाने की तलाश में निकले। मोर ने गौरैया से कहा, “तुम्हारे जैसे साधारण पक्षी के पास कोई खासियत नहीं है। तुम कितनी भी मेहनत कर लो, मुझ जैसी सुंदरता हासिल नहीं कर सकती।”
गौरैया ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया, “सच है, लेकिन सुंदरता ही सब कुछ नहीं होती।” तभी तेज बारिश शुरू हो गई, और मोर अपने भारी पंखों के कारण उड़ नहीं सका। गौरैया ने अपनी चतुराई का इस्तेमाल किया और जल्दी से उड़कर एक सुरक्षित पेड़ की शाखा पर बैठ गई। मोर ने समझा कि हर किसी के पास अपनी विशेषता होती है, चाहे वह कितनी भी छोटी हो।
सीख: हर किसी में एक विशेष गुण होता है, इसलिए किसी को छोटा या साधारण समझने की गलती नहीं करनी चाहिए।
कहानी 8: मैना और कछुए की दौड़
एक घने जंगल के पास मैना और कछुए की अच्छी दोस्ती थी। मैना हमेशा ऊंचे पेड़ों और आकाश में उड़ती रहती, जबकि कछुआ धीरे-धीरे जमीन पर चलता। एक दिन मैना ने मजाक करते हुए कहा, “तुम बहुत धीमे चलते हो। अगर हम दौड़ लगाएं, तो मैं पलक झपकते ही जीत जाऊंगी!”
कछुआ मुस्कुराया और चुनौती स्वीकार कर ली। दौड़ की शुरुआत हुई, और मैना तुरंत उड़कर आगे निकल गई। लेकिन रास्ते में उसे एक सुंदर फूलों का बगीचा दिखा, और वह उसे देखने में लग गई। वहीं, कछुआ बिना रुके, अपने धीमे मगर लगातार कदमों से चलता रहा। आखिरकार, जब मैना अपनी मस्ती से वापस आई, तो उसने देखा कि कछुआ मंजिल पर पहुंच चुका था।
सीख: निरंतरता और धैर्य से कठिन से कठिन लक्ष्य हासिल किए जा सकते हैं, चाहे शुरुआत कितनी भी धीमी हो।
कहानी 7: मूंगफली का बंटवारा
एक जंगल में मीनू बंदर और बबलू भालू अच्छे दोस्त थे। एक दिन उन्हें जंगल में एक बड़ा मूंगफली का थैला मिला। मीनू बंदर ने झट से थैला उठाया और बोला, “चलो, इसे आधा-आधा बाँट लेते हैं!” बबलू भालू ने सहमति में सिर हिलाया।
मीनू ने आधी मूंगफली बबलू को दी और बाकी खुद रख ली। लेकिन बबलू ने देखा कि मीनू ने बड़ी मूंगफली अपने पास रख ली थी, और उसे छोटी-छोटी मूंगफली दी थीं। बबलू ने इस पर कुछ नहीं कहा और खुशी से मूंगफली खाने लगा। यह देखकर मीनू को अजीब लगा और उसने पूछा, “तुमने मुझे कुछ कहा क्यों नहीं?”
बबलू मुस्कुराया और बोला, “दोस्ती में चीजों का आकार नहीं, प्यार और सम्मान मायने रखता है।” मीनू को अपनी गलती का एहसास हुआ, और उसने बबलू से माफी मांगी।
सीख: सच्ची दोस्ती में बराबरी और ईमानदारी होना जरूरी है।
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कहानी 6: खरगोश और कछुए की नयी चाल
जंगल में एक दिन खरगोश और कछुए ने फिर से दौड़ लगाने का सोचा। पिछली दौड़ में जीतने के बाद भी कछुआ शांत और विनम्र था, लेकिन इस बार खरगोश ने ठान लिया था कि वह ध्यान से दौड़ेगा और जीतकर दिखाएगा।
दौड़ शुरू हुई, और खरगोश अपनी तेज गति से दौड़ता गया। लेकिन थोड़ी दूर जाकर उसे भूख लगी और उसने रास्ते में गाजर खाने का सोचा। वह खाने में इतना व्यस्त हो गया कि कछुआ धीरे-धीरे आगे बढ़ गया। जब खरगोश ने देखा कि कछुआ उससे आगे निकल चुका है, तो वह तेजी से भागा लेकिन फिर भी कछुआ जीत गया।
इस बार कछुआ मुस्कुराया और बोला, “यह दौड़ जीतना नहीं, सीखना ज़रूरी था। हर बार दौड़ में ध्यान और संतुलन से ही जीत होती है।”
सीख: मेहनत के साथ संयम और ध्यान भी जीत के लिए आवश्यक हैं।
कहानी 5: हाथी और चींटियों का साहस
एक घने जंगल में एक बड़ा हाथी रहता था, जिसे अपनी ताकत पर बहुत घमंड था। वह चलते हुए अक्सर चींटियों की बस्ती को रौंद देता और उन्हें परेशान करता। चींटियाँ उससे डरती थीं लेकिन एक दिन उन्होंने मिलकर हाथी को सबक सिखाने का निश्चय किया।
अगली बार जब हाथी चींटियों की ओर बढ़ा, तो सभी चींटियाँ एकजुट होकर उसके पैरों पर चढ़ गईं और उसे गुदगुदाने लगीं। हाथी परेशान होकर जोर-जोर से चिल्लाने लगा और अपने पैरों को हिलाने लगा। इतनी छोटी चींटियाँ होते हुए भी, उनकी एकता ने हाथी को परेशान कर दिया। हाथी ने माफी मांगी और वादा किया कि वह फिर कभी चींटियों को नुकसान नहीं पहुंचाएगा।
सीख: एकता में शक्ति होती है, और छोटे से छोटे मिलकर भी बड़े को सबक सिखा सकते हैं।
कहानी 4: चतुर लोमड़ी और लालच का फल
एक बार की बात है, एक जंगल में लीला नाम की चतुर लोमड़ी रहती थी। एक दिन उसे एक रसीला अंगूरों का गुच्छा दिखा, जो ऊंची डाल पर लटका हुआ था। लीला ने अंगूर पाने के लिए ऊंची छलांग लगाई, पर हर बार वह असफल रही। उसने बहुत मेहनत की, पर अंगूर तक नहीं पहुंच पाई। आखिरकार थककर उसने सोचा, “ये अंगूर शायद खट्टे होंगे। मुझे इनकी जरूरत नहीं है।”
इतने में, उसकी सहेली गिलहरी वहाँ आ गई और बोली, “लीला, तुम्हें अंगूर नहीं मिले तो तुमने उन्हें खट्टा कह दिया। क्या ये सही है?” लीला को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने माना कि मेहनत में कमी रह गई थी, और गिलहरी से वादा किया कि वह कभी भी हार मानकर गलत बहाना नहीं बनाएगी।
सीख: असफलता पर बहाने बनाने के बजाय अपनी मेहनत पर ध्यान देना चाहिए।
कहानी 3: जंगल का सच्चा दोस्त
एक जंगल में कई प्रकार के पशु-पक्षी रहते थे, लेकिन अक्सर वे एक-दूसरे से दूरी बनाए रखते थे क्योंकि उनके रंग, आकार और आदतें अलग-अलग थीं। वहां एक सुंदर और समझदार हिरन, हीरा, रहता था जो सभी से दोस्ती करना चाहता था।
एक दिन जंगल में आग लग गई, और सभी जानवर इधर-उधर भागने लगे। छोटे जानवर डर के मारे छिपने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन आग फैलती जा रही थी। हीरा ने सोचा कि अगर वे सब मिलकर एक-दूसरे की मदद करें तो सुरक्षित जगह तक पहुंच सकते हैं। उसने चीखकर सभी को एकजुट होने को कहा। धीरे-धीरे जानवर एकत्रित हुए और हीरा की योजना के अनुसार, एक-दूसरे की मदद करते हुए सुरक्षित जगह पर पहुंचे।
उस दिन के बाद जंगल में सभी जानवरों ने मिलकर रहना शुरू किया और एक-दूसरे के प्रति अपने भेदभाव को छोड़ दिया।
सीख: सच्ची दोस्ती और एकता में रंग, आकार या जाति का कोई महत्व नहीं होता।
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कहानी 2: सभी के दिलों में एक ही रौशनी
एक गाँव में अमन, अली, और अनीता नाम के तीन दोस्त रहते थे। अमन मंदिर जाता, अली मस्जिद, और अनीता चर्च। एक दिन उनके बीच बहस होने लगी कि उनका धर्म सबसे अच्छा है।
उनके दादा जी ने यह सुना और उन्हें एक बड़ी मोमबत्ती लेकर बगीचे में बुलाया। उन्होंने तीनों को तीन छोटी मोमबत्तियाँ दीं और कहा, “बड़ी मोमबत्ती से अपनी-अपनी मोमबत्ती जलाओ।” तीनों ने ऐसा किया और देखा कि उनकी मोमबत्तियों की रौशनी एक जैसी है। दादा जी ने मुस्कुराते हुए कहा, “धर्म चाहे अलग हों, लेकिन सभी का संदेश एक ही है—प्यार और सच्चाई। जैसे ये रौशनी एक जैसी है, वैसे ही हमारा दिल भी एक ही तरह से प्रेम और अच्छाई से भरता है।”
सीख: धर्म चाहे अलग हों, पर सभी का उद्देश्य प्रेम, शांति और सच्चाई की राह दिखाना है।
कहानी 10: छोटे वीरू का बड़ा सपना
वीरू एक छोटा बच्चा था जो अपने गाँव में रहता था। एक दिन स्कूल में शिक्षक ने सभी बच्चों से पूछा कि वे बड़े होकर क्या बनना चाहते हैं। किसी ने डॉक्टर, किसी ने इंजीनियर तो किसी ने पुलिस बनने की इच्छा जताई। वीरू ने कहा, “मैं एक ऐसा नागरिक बनना चाहता हूँ जिससे मेरा देश गर्व कर सके।”
शिक्षक ने मुस्कुराते हुए पूछा, “कैसे, वीरू?” वीरू ने जवाब दिया, “मैं भले ही बड़ा काम न कर पाऊँ, लेकिन हमेशा देश की भलाई के लिए सोचूँगा। मैं सड़कों पर कचरा नहीं फैलाऊँगा, दूसरों की मदद करूँगा, और अपने देश की चीजों की कद्र करूँगा। मैं हर दिन अपने देश के लिए अच्छा करने का सपना देखता हूँ।”
सभी बच्चों ने वीरू की बात से प्रेरणा ली और ठान लिया कि वे भी देशभक्ति का यही असली मतलब अपनाएंगे।
सीख: देशभक्ति सिर्फ बड़े कामों से नहीं, बल्कि हर रोज छोटे-छोटे अच्छे कामों से भी की जा सकती है।
कहानी 11: साझा खुशी का जादू
एक छोटे गाँव में राधा नाम की लड़की रहती थी। उसके पास एक सुंदर गुड़िया थी, जिसे वह बहुत प्यार करती थी। एक दिन उसने देखा कि उसके दोस्त सुरेश के पास खेलने के लिए कुछ नहीं है और वह उदास है। राधा के मन में एक विचार आया। उसने अपनी गुड़िया को सुरेश के साथ साझा करने का फैसला किया।
राधा ने अपनी गुड़िया सुरेश को दी, और उसे बहुत खुशी हुई। दोनों ने मिलकर खूब खेला और हँसी-खुशी बिताई। धीरे-धीरे, अन्य बच्चे भी अपनी चीजें साझा करने लगे, और सभी के पास खेलने के लिए एक-दूसरे का साथ और बहुत सारी चीजें थीं।
इस अनुभव से राधा को एहसास हुआ कि खुशी बांटने से बढ़ती है, और सभी बच्चों ने आपस में मिलकर खेलना सीख लिया।
सीख: खुशियाँ बांटने से बढ़ती हैं, और एक-दूसरे के साथ चीजें साझा करने से हमारे रिश्ते और भी मजबूत बनते हैं।
आपके लिए काम: नीचे कमेंट कर बताएं कि यह कहानी आपको कैसा लगा तथा यह भी पता है कि इनमें से सबसे ज्यादा पसंद आपको कौन सी कहानी आई और क्यों?
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर
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हिंदी में छोटी कहानियाँ बच्चों के लिए क्यों महत्वपूर्ण हैं?
हिंदी में छोटी कहानियाँ बच्चों के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं। ये बच्चों की कल्पना शक्ति को बढ़ावा देती हैं, उनकी शब्दावली को समृद्ध करती हैं, और उन्हें पढ़ने के लिए प्रेरित करती हैं। इसके अलावा, छोटी कहानियाँ बच्चों को विभिन्न मूल्यों और जीवन के सबक सिखाती हैं।
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हिंदी में बहुत छोटी कहानियाँ कहाँ मिल सकती हैं?
हिंदी में बहुत छोटी कहानियाँ विभिन्न स्रोतों से मिल सकती हैं। इनमें हमारा ब्लॉग खोज हल है, वेबसाइट्स, साहित्यिक पत्रिकाएँ, और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म शामिल हैं। कई लेखक अपनी रचनाएँ ऑनलाइन साझा करते हैं, और आप उन्हें विभिन्न साहित्यिक मंचों पर ढूंढ सकते हैं। इसके अलावा, कुछ पुस्तकें भी हैं जिनमें छोटी-छोटी कहानियों का संग्रह होता है।
Funny Story in Hindi
निष्कर्ष
हिंदी की छोटी कहानियां हमारे साहित्य का एक अनमोल खजाना हैं। ये कहानियां हमें सोचने पर मजबूर करती हैं, हमारी कल्पना शक्ति को बढ़ाती हैं और हमें जीवन के कई पहलुओं के बारे में जानने का मौका देती हैं।
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