All Caste List: भारतीय समाज सदियों से जाति व्यवस्था पर आधारित रहा है। इस व्यवस्था ने समाज को विभिन्न वर्गों में विभाजित किया है, जिनमें से कुछ को सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा माना जाता है। इन पिछड़े वर्गों को शिक्षा, रोजगार और सरकारी योजनाओं में समान अवसर प्रदान करने के लिए भारत सरकार और प्रत्येक राज्य की सरकार ने आरक्षण नीति लागू की है।
भारत में आरक्षण व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और शैक्षणिक रूप से वंचित वर्गों जैसे – अनुसूचित जनजाति (ST) अनुसूचित जाति (SC) और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) और 2019 से आर्थिक रूप से दुर्बल नागरिको (EWS) को शिक्षा और रोजगार के अवसरों में समान प्रतिनिधित्व प्रदान करना है।
यह व्यवस्था ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर रहे इन वर्गों को सामाजिक न्याय और समानता प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई है, जिन्हें सदियों से जातिगत भेदभाव और सामाजिक बहिष्कार का सामना करना पड़ा है।
भारत में आप चाहे किसी भी राज्य में किसी भी कैटेगरी जैसे – अनुसूचित जनजाति वर्ग या अनुसूचित जाति वर्ग या अन्य पिछड़ा वर्ग या आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से आते है और सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण की सुविधा लेना चाहते हैं तो अपने जाति का नाम चेक करने के लिए आपको अपने राज्य के जातियों की सूची की आवश्यकता पड़ सकता है। जो इस आर्टिकल में भारत में जातियों की सूची राज्यवार आपको पढ़ने को मिलेगा।
All Caste List | भारत में जातियों की सूची
भारत में जातियों की सूची से पहले कुछ महत्वपूर्ण जानकारी आपको जानना चाहिए। भारत में सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण की व्यवस्था की गई है। जिसमें वर्गों (Category) को संक्षिप्त रूप से प्रयोग होने वाले नामों का पूरा नाम नीचे के सरणी में दिया गया है।
1 | ST full form: Scheduled Tribes होता है, जिसे हिंदी में अनुसूचित जनजाति और संक्षिप्त में अ. ज.जा. कहते है। |
2 | SC full form: Scheduled Castes होता है, जिसे हिंदी में अनुसूचित जाति और संक्षिप्त में अ. जा. कहते है। |
3 | OBC full form: Other Backward Classes होता है, जिसे हिंदी में अन्य पिछड़ा वर्ग और संक्षिप्त में ओबीसी कहते है। |
4 | EWS full form: Economically Weaker Sections होता है, जिसे हिंदी में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग और संक्षिप्त में ईडब्ल्यूएस कहते है। |
5 | EBC full form: Extremely Backward Classes होता है, जिसे हिंदी में अत्यंत पिछड़ा वर्ग या अति पिछड़ा वर्ग, इसे Economically Backward Classes भी कहते है और संक्षिप्त में ईबीसी कहते है।। |
6 | MBC full form: Most Backward Castes होता है, जिसे हिंदी में अत्यंत पिछड़ा वर्ग या अति पिछड़ा वर्ग और संक्षिप्त में एमबीसी कहते है। |
7 | SEBC full form: Socially and Economically Backward Classes होता है, जिसे हिंदी में सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग और संक्षिप्त में एसईबीसी कहते है। |
8 | BC1 full form: Backward Classes 1 होता है, जिसे हिंदी में पिछड़ा वर्ग (अनुसूची-1) और संक्षिप्त में बीसी-1 कहते है। |
9 | BC2 full form: Backward Classes 2 होता है, जिसे हिंदी में पिछड़ा वर्ग (अनुसूची-2) और संक्षिप्त में बीसी-2 कहते है। |
10 | BC full form: Backward Classes होता है, जिसे हिंदी में पिछड़ा वर्ग और संक्षिप्त में बीसी कहते है। |
11 | UR full form: Unreserved category होता है, जिसे General Class या General Category या General Caste या Open Category, हिंदी में अनारक्षित श्रेणी या गैर आरक्षित वर्ग और संक्षिप्त में यूआर कहते है। |
स्पष्टीकरण: 1. अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग, यह चारों वर्ग अलग अलग है और इसके आरक्षण नीति अलग-अलग होता है। लेकिन अन्य पिछड़ा वर्ग को कुछ राज्यों में राज्य स्तर पर उपवर्गों में वर्गीकृत किया गया है, जैसे – बीसी-1, बीसी-2, ईबीसी, एसईबीसी, एमबीसी इत्यादि अलग अलग राज्य में अलग अलग है।
स्पष्टीकरण: 2. BC1, EBC और MBC तीनो का मतलब एक ही होता हैं। BC2 और BC दोनों का मतलब एक ही होता हैं। सिर्फ अलग अलग राज्यों में कोई हो सकता है। आप जिस राज्य से आते है उस राज्य में किस नाम से वर्गीकृत किया गया है, उस राज्य के जातियों की सूची पृष्ठ पर लिखा गया है।
ST Caste List
भारत में 2011 के जनगणना के अनुसार अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या लगभग 10.43 करोड़ है जो देश के कुल आबादी के 8.6% प्रतिशत है। जिन्हें केंद्रीय सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में 7.5% आरक्षण देने का प्रावधान है। अलग-अलग राज्यों में यह प्रतिशत भिन्न हो सकता है क्योंकि राज्य सरकार अपने प्रदेश के जनसंख्या और नीति के अनुसार आरक्षण नीति लागू करता है।
अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति के संदर्भ में नियम है – जितना प्रतिशत जनसंख्या है, उतनी प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है। आर्टिकल में नीचे आपके राज्य के जातियों की सूची दिया गया है, जहाँ आप पढ़ सकते है।
SC Caste List
भारत में 2011 के जनगणना के अनुसार अनुसूचित जाति की जनसंख्या लगभग 20.1 करोड़ है जो देश के कुल आबादी के 16.6% प्रतिशत है। जिन्हें केंद्रीय सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में 15% आरक्षण देने का प्रावधान है। अलग-अलग राज्यों में यह प्रतिशत भिन्न हो सकता है। आर्टिकल में नीचे आपके राज्य के जातियों की सूची दिया गया है जहाँ आप पढ़ सकते है।
OBC Caste List
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) का जनगणना 2011 में नही हुआ था। 1980 के मंडल आयोग ने अपनी रिपोर्ट में ओबीसी आबादी को 52% आंका और 1,257 समुदायों को पिछड़े के रूप में वर्गीकृत किया। 52 प्रतिशत के हिसाब से ओबीसी की आबादी 65 करोड़ है। जिन्हें केंद्रीय सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में 27% आरक्षण देने का प्रावधान है। अलग-अलग राज्यों में यह प्रतिशत भिन्न हो सकता है।
EWS Caste List
वर्ष 2019 में केंद सरकार ने 124वें संविधान संशोधन विधेयक को पारित कर एक नई केटेगरी बनाई है – आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (EWS), जो सामान्य वर्ग में गरीब है उसको ईडब्ल्यूएस में रखा गया है। जिन्हें केंद्रीय सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में 10% आरक्षण देने का प्रावधान है। [ईडब्ल्यूएस में कौन सी जाति आती है?] आर्टिकल में नीचे आपके राज्य के जातियों की सूची दिया गया है।
General Caste List
सामान्य वर्ग का मतलब होता है जो आरक्षित श्रेणी का शर्त पूरा नही करता हो, उन्हें सरकारी नौकरियों, शैक्षणिक संस्थानों और अन्य सरकारी लाभों में आरक्षित सीटों का लाभ नहीं मिलता है। इस श्रेणी में जो सामान्य वर्ग के शर्तो को पूरा करता हो कोई भी अभ्यर्थी सरकारी नौकरी या शैक्षणिक प्रवेश पा सकता है, फिर चाहे वह एसटी, एससी, ओबीसी, ईडब्ल्यूएस या गैरआरक्षित वर्ग कोई से ही क्यों न हो।
भारत में राज्यवार सभी जातियों की सूची
नीचे तालिका में Statewise All Caste List in India दिया गया है आप जिस राज्य/केंद्र शासित के मूलनिवासी हैं उस पर क्लिक कर जातियों का सूची पढ़िए।
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आरक्षण का अर्थ
आरक्षण का अर्थ है (Meaning of Reservation): अपना जगह सुरक्षित करना। प्रत्येक व्यक्ति की इच्छा हर स्थान पर अपनी जगह सुरक्षित करने या रखने की होती है, चाहे वह बात लोकसभा/ विधानसभा का चुनाव लड़ने, किसी सरकारी विभाग में नौकरी प्राप्त करनें या सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, किसी अस्पताल में अपनी चिकित्सा कराने के लिए, ट्रेन में यात्रा करने के लिए इत्यादि हो।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद (46) में प्रावधान है – राज्य, जनता के दुर्बल वर्गों के, विशिष्टतया, अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की विशेष सावधानी से अभिवृद्धि करेगा और सामाजिक अन्याय और सभी प्रकार के शोषण से उनकी संरक्षा करेगा।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15(4) में प्रावधान है – राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16(4) में प्रावधान है – राज्य को पिछड़े हुए नागरिकों के किसी वर्ग के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, नियुक्तियों या पदों के आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16(4क) में प्रावधान है – राज्य को अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, राज्य के अधीन सेवाओं में किसी वर्ग या वर्गों के पदों पर, पारिणामिक ज्येष्ठता सहित, प्रोन्नति के मामलों में आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 16(4ख) में प्रावधान है – राज्य को किसी वर्ष में किन्हीं न भरी गई ऐसी रिक्तियों को, जो खंड (4) या खंड (4 क) के अधीन किए गए आरक्षण के लिए किसी उपबंध के अनुसार उस वर्ष में भरी जाने के लिए आरक्षित हैं, किसी उत्तरवर्ती वर्ष या वर्षों में भरे जाने के लिए पृथक् वर्ग की रिक्तियों के रूप में विचार करने से निवारित नहीं करेगी और ऐसे वर्ग की रिक्तियों पर उस वर्ष की रिक्तियों के साथ जिसमें वे भरी जा रही हैं, उस वर्ष की रिक्तियों की कुल संख्या के संबंध में पचास प्रतिशत आरक्षण की अधिकतम सीमा का अवधारण करने के लिए विचार नहीं किया जाएगा।
भारत में केंद्रीय सरकारी नौकरियों एवं शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित जनजाति को 7.5%, अनुसूचित जाति को 15%, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27% और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को 10% मिलता हैं। लेकिन अलग-अलग राज्यो में जनसंख्या और नीति के अनुसार भिन्न हो सकता है।
राज्यवार सभी वर्गो के आरक्षण प्रतिशत अलग अलग दिया गया है। आप अपनी कैटेगरी में मिलने वाली आरक्षण की प्रतिशत अपने राज्य की जाति सूची में पढ़ सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर
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आरक्षण से क्या लाभ है?
आरक्षण का प्राथमिक उद्द्देश्य समाज में सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग को अन्य सक्षम वर्गों के बराबर लाना। आप इसे सामाजिक न्याय दिलाने की व्यवस्था भी कह सकते हैं।
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भारतीय संविधान में आरक्षण कब लागू हुआ?
भारतीय संविधान में आरक्षण 1950 में लागू हुआ।
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अनुसूचित जनजाति को आरक्षण कितना है?
अनुसूचित जनजाति को आरक्षण 7.5 प्रतिशत है।
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अनुसूचित जाति को आरक्षण कितना है?
अनुसूचित जाति को आरक्षण 15 प्रतिशत है।
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अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण कितना है?
अन्य पिछड़ा वर्ग को आरक्षण 27 प्रतिशत है।
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आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण कितना है?
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण 10 प्रतिशत है।
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जनरल को आरक्षण कितना है?
2019 में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग बनने के बाद सामान्य वर्ग के लिए आरक्षण 40 प्रतिशत है।
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जनरल कैटेगरी का मतलब क्या होता है?
जनरल कैटेगरी का मतलब होता है जो आरक्षित श्रेणी का शर्त पूरा नही करता हो। इस श्रेणी में कोई भी अभ्यर्थी रोजगार /प्रवेश पा सकता है। फिर चाहे वह ओबीसी (OBC), एससी (SC), एसटी (ST) या गैर आरक्षित वर्ग कोई से ही क्यों न हो।
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सबसे ज्यादा आरक्षण किसका है?
तमिलनाडु में सबसे अधिक 69 फीसदी आरक्षण लागू किया गया है। इसके बाद महाराष्ट्र में 52 और मध्यप्रदेश में कुल 50 फीसदी आरक्षण लागू है
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विश्व के कितने देशों में आरक्षण है?
अमेरिका, चीन, जापान जैसे देशों में भी आरक्षण है और इसे ईमानदारी से दिया जाता है। बाहरी देशों में आरक्षण को Affirmative Action कहा जाता है। Affirmative Action का मतलब समाज के “वर्ण ” तथा “नस्लभेद” के शिकार लोगो के लिये सामाजिक समता का प्रावधान है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह ब्लॉग पोस्ट केवल सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है और इसे कानूनी सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए।
निष्कर्ष
मुझे उम्मीद है कि इस लेख में दी गई जानकारी भारत में जातियों की सूची या list of caste in india,आपके लिए उपयोगी होगी, तो अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिचितों को फेसबुक, व्हाट्सप्प, ट्विटर, टेलीग्राम और पिनटेरेस्ट इत्यादि जैसे सोशल मीडिया पर शेयर करें और नीचे कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया हमें जरूर दें। धन्यवाद