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20+ प्रकृति पर कविता | Poem on Nature in Hindi

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Poem on Nature in Hindi: प्रकृति, जीवन का स्रोत और अनंत सौंदर्य का भंडार है। सदियों से कवियों ने प्रकृति को अपनी कविताओं का विषय बनाया है। प्रकृति की हर गतिविधि, हर मौसम, हर दृश्य कवियों को प्रेरणा का स्रोत देता रहा है।

इस ब्लॉग पोस्ट में हम प्रकृति (Nature) पर कुछ बेहतरीन कविताओं पर गौर करेंगे और यह समझने की कोशिश करेंगे कि प्रकृति हमारे लिए कितना महत्वपूर्ण है।

विषय सूची

प्रकृति पर कविता (Poem on Nature in Hindi)

प्रकृति की विविधता असीम है। पहाड़ों की ऊंचाई से लेकर समुद्र की गहराई तक, हर जगह प्रकृति की एक अनूठी छटा देखने को मिलती है। इस लेख में आगे पढ़िए इन सभी विविधताओं को कितना बखूबी बयान किया है। जैसे –

  • ऋतुओं का वर्णन: कवियों ने चारों ऋतुओं का बड़ा ही मनोहारी चित्रण किया है। बसंत ऋतु में खिलते फूल, ग्रीष्म ऋतु की तेज धूप, शरद ऋतु के रंग-बिरंगे पत्ते और शीत ऋतु की बर्फबारी, इन सभी को कवियों ने अपनी कविताओं में शब्दों का जादू बिखेर कर जीवंत कर दिया है।
  • प्रकृति के तत्व: पानी, हवा, आग, धरती – ये प्रकृति के चार प्रमुख तत्व हैं। कवियों ने इन तत्वों को मानवीय भावनाओं से जोड़कर अपनी कविताओं को और अधिक गहरा बनाया है।
  • पशु-पक्षियों का वर्णन: कवियों ने पशु-पक्षियों के व्यवहार, उनकी आवाजों और उनके जीवन को अपनी कविताओं में बड़ी ही सहजता से उतारा है।
  • प्रकृति की सुंदरता: कवियों ने प्रकृति की सुंदरता को देखकर जो आनंद अनुभव किया है, उसे उन्होंने अपनी कविताओं में बयान किया है। सूर्योदय, सूर्यास्त, चांदनी रातें, तारे, ये सभी प्रकृति की वो अद्भुत रचनाएं हैं जिन्होंने कवियों को प्रेरित किया है।
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Poem on Nature in Hindi

यहाँ “प्रकृति की मुस्कान” दी गई है जो प्रकृति के सौंदर्य, शांति और उसकी अनूठी विशेषताओं को व्यक्त करती है। प्रकृति पर यह कविता आपको पसंद आ सकता है।

प्रकृति की मुस्कान

हरी घास पर ओस की बूंदें,
सूरज की पहली किरणों से धुले,
पत्तों पर फिसलती नन्हीं सी मुस्कान,
जैसे हो प्रकृति की नई पहचान।

नीले आसमान में उड़ते पंछी,
हवा के संग झूमते वनस्पति,
नदियों की कलकल, पर्वत की चोटी,
हर ओर बिखरी है सौंदर्य की ज्योति।

सागर की लहरें गीत सुनाती,
धरती को प्रेम से लोरी सुनाती,
बादल भी मिलकर चित्र बनाते,
धरा को आसमां से गले लगाते।

चंद्रमा की चांदनी शीतल,
तारों के संग उसकी झिलमिल,
प्रकृति के हर रंग में बसी है,
जीवन की अनकही, प्यारी कहानी।

जब कभी उदास हो मन तेरा,
आँखें बंद कर, महसूस कर धरा,
प्रकृति के आलिंगन में पाएगा,
शांति और प्रेम का सच्चा किनारा।

फूलों की मुस्कान

फूलों की मुस्कान में बसी,
धरती की अनमोल कहानियाँ,
हर पंखुड़ी में छिपी हुई,
प्रकृति की प्यारी नादानियाँ।

सवेरे की शीतल बयार में,
खिलते हैं ये नन्हें सपने,
हवा संग झूमते-गाते,
बांटते खुशबू के रत्न अनजाने।

रंग-बिरंगे ये फूल सजे,
हर बगिया का श्रंगार बने,
जीवन में उल्लास भरते,
मन के हर कोने में बसा करें।

बन जाते हैं सांझ की माला,
जब सूरज ढलने लगता है,
और ओस की बूंदों में चमकते,
जैसे तारे खुद उतर आते हैं।

फूल हैं प्रकृति का उपहार,
प्रेम और सौंदर्य का आधार,
ये सिखाते हैं जीना हमें,
मुस्कुराना, झुकना हर बार।

प्रकृति के इस अद्भुत जादू में,
फूलों की दुनिया में खो जाओ,
हर फूल कहता है बस इतना,
सादगी में ही सुख पाओ।

बसंत के फूल

बसंत की आई है बयार,
हरियाली से सजी है धरती, अपार,
फूलों की महक से महकी धरा,
प्रकृति ने ओढ़ी है नई चादर हरी।

गुलाब, गुलमोहर, चमेली खिले,
हर कोने में रंगों के मेले,
पीले सरसों के फूलों से सजी,
जैसे धूप ने खेतों को छू लिया अभी।

कोयल की मधुर तान संग लहराए,
मधुर हवाओं में फूल झूम जाएं,
हर शाख पर बहारें आई हैं,
बागों में नई जान समाई है।

तितलियाँ भी उड़तीं रंग-बिरंगी,
फूलों से करतीं मीठी बातें,
बसंत के इस सुहाने मौसम में,
प्रकृति ने बाँटी अपनी सौगातें।

ये रंग, ये खुशबू, ये छवि निराली,
दिलों में जगाए उमंगों की लहरें प्यारी,
हर फूल है एक नई कहानी,
बसंत ऋतु में सजी प्रकृति की रानी।

बसंत के फूल सिखाते हमें,
प्रकृति से जुड़ने का अद्भुत गीत,
हर क्षण को महकाओ जीवन में,
फूलों सी बनाओ अपनी रीत।

ग्रीष्म की तपती धूप

आसमान में सूरज का राज,
हर दिशा में फैली उसकी आग,
धरती पर बिखरी सुनहरी किरणें,
ग्रीष्म ऋतु आई, नई उमंगें जगाएं।

तपते पथरीले रास्तों पर,
जैसे आग की लहरें बहतीं,
पर पेड़ों की छांव तले,
शीतलता की गोद मिलती।

आम्र वृक्षों पर लदे हैं बौर,
हवा में घुली कच्चे आम की महक,
कोयल की कूक भी मंद हुई,
पर धूप में सजी धरा की चमक।

सूरज की इस तपिश में भी,
जल के स्रोत की खोज है जारी,
ताल-तलैया सूखते धीरे,
पर नदी अब भी बहती प्यारी।

रातों में आसमान तारों से भरा,
जैसे ग्रीष्म की तपन से शरण मिला,
चाँदनी बिखेरती ठंडक धीमे,
प्रकृति ने दिया आराम का सिलसिला।

यह ऋतु भी सिखाती हमें,
संघर्ष में सौंदर्य तलाशना,
धूप में तपकर ही तो होता,
जीवन का असली निखरना।

ग्रीष्म का ये समय कहता,
धैर्य रखो, सहनशील बनो,
हर ऋतु का है अपना महत्व,
इस तपन में भी जीवन को सजो।

शरद ऋतु की सुकून भरी छांव

नीले आकाश में चांद का डेरा,
सितारों की चुनरी ओढ़े है सवेरा,
शरद ऋतु आई ठंडक संग,
सजने लगे खेत, पेड़, और अंगन।

हवा में है ठंडक की सौगंध,
हर पत्ता झूमे, हर डाली प्रफुल्लित,
रजाई की गर्मी का स्वाद अलग,
शरद के मौसम में सब है सजग।

सुनहरी धूप का अब स्पर्श है कोमल,
जलाशयों में दिखते बादल के पल,
फूलों की क्यारियां मुस्काती हैं,
और धरती पर रंग बिखराती हैं।

चाँदनी रात में शरद का ठहराव,
जैसे मन को मिले कोई सुकून भरा भाव,
शांत हवाओं का मधुर संगीत,
धरती पर फैली एक अनोखी प्रीत।

पक्षी भी उड़ते दूर गगन में,
मानो खोज रहे हों नई राहें चमन में,
शरद का मौसम सिखाता यही,
हर ठहराव के बाद है चलना सही।

शरद की ये ऋतु, सौंदर्य का समय,
शीतलता में छिपा जीवन का आनंदमय,
आओ, इस ऋतु का हम अभिनंदन करें,
प्रकृति के इस रूप को ह्रदय से वंदन करें।

शीत ऋतु का आलिंगन

श्वेत चादर ओढ़े धरा,
शीत ऋतु ने अपना रंग भरा,
ठंडी हवाएं गुनगुनाती हैं,
हर सांस में सिहरन जगाती हैं।

सूरज भी जैसे शर्माता है,
धुंध के पर्दे में छिप जाता है,
पत्तों पर ओस की बूंदें मोती सी,
धरती पर जमी ठंडक की चादर सी।

पेड़ों ने त्यागी अपनी हरियाली,
पर उनकी शाखें भी हैं निराली,
बर्फ से ढकीं, ठंड से कसीं,
शीत की सुंदरता इनमें बसी।

चिड़ियों की चहक भी हुई धीमी,
कानों में बसती शांति गहरी,
पर भीतर है एक नूतन आग,
जो जीवन को देती निरंतर राग।

आग के पास बैठना अब सुकून,
धुएं में बसी पुरानी यादों का जूनून,
चाय की प्याली में गर्मी का एहसास,
शीत ऋतु का ये है खास अंदाज़।

ये मौसम सिखाता सहनशीलता,
हर कठिनाई में खोजो सरलता,
ठंड में भी जीवन खिलता है,
शीतलता में भी प्रेम मिलता है।

शीत ऋतु का आलिंगन है गहरा,
धूप के इंतजार में है सब ठहरा,
पर इसी ठहराव में बसी वो बात,
जो जीवन को देती नई सौगात।

Heart Touching Poem on Nature in Hindi

पानी की पुकार

बूंद-बूंद में जीवन बसा,
पानी है धरती का अमूल्य खज़ाना,
निर्मल, शीतल, अदृश्य, फिर भी,
हर सांस में इसका आना-जाना।

पहाड़ों से झरनों का राग,
नदियों की धारा, असीमित अनुराग,
समुद्र की लहरें कहानी कहतीं,
पानी के दिल में दुनिया बसती।

बादल बनकर उड़ जाता है,
फिर धरती पर बारिश बन आता है,
हर खेत, हर जंगल, हर बगिया में,
जीवन की नयी लहर दौड़ाता है।

सूखा जब पड़ता, तब समझ आता,
पानी का होना कितना अनमोल,
बिन इसके सब कुछ सूना,
नहीं खिलती खुशियों की डोल।

जल ही जीवन का सार है,
हर कण में इसका प्यार है,
प्रकृति की सबसे सुंदर देन,
पानी में छिपा संसार है।

लेकिन ये भी सिखाता हमें,
सहेजने का महत्व, संरक्षण की रीत,
बूंद-बूंद को संजोना है,
तभी जीवन में रहेगी सदा जीत।

आओ, इस अमृत को पहचानें,
पानी की हर बूंद को मान दें,
प्रकृति की इस नेमत को बचाएं,
पानी की प्यास बुझाने को बढ़ाएं।

हवा की सिहरन

हवा का झोंका, चुपके से आए,
छूकर हमें, कुछ कहकर जाए,
न दिखे पर हर पल का साथी,
प्रकृति की गोद में बसी इसकी थाती।

कभी ये मंद, तो कभी तेज़ बहती,
जैसे दिल की धड़कन, हर ओर फैलती,
पेड़ों को छेड़े, पत्तों को गाए,
खामोशियों में भी संगीत सुनाए।

सवेरे की ठंडी हवा का आलिंगन,
जैसे किसी अपने का हो स्पर्श मधुर,
हर सांस में घुली इसकी मिठास,
जीवन की ये अदृश्य सुकून भरी आस।

पंछियों को ये परवाज़ देती,
पर्वतों की चोटियों को चूमती,
सागर की लहरों में ताकत लाती,
और धरती को हर पल महकाती।

हवा के बिना सूना संसार,
बिन इसके ना हो कोई व्यापार,
ये सिखाती है हमें विनम्रता,
खामोश रहकर भी देना स्नेह अपार।

कभी ये आंधी बनकर गरजे,
कभी फुसफुसाहट में कुछ कहे,
प्रकृति की ये अनमोल धड़कन,
हर प्राणी के जीवन का अमिट मनन।

सहेजें इसे, सहेजें जीवन,
हवा का ये अनमोल संगम,
प्रकृति की हर सांस में बसी,
हवा में ही तो जीवन हंसी।

आग की कहानी

आग की लपटें, तेज़ी से चमके,
धरती की गोद में, जब ये दमके,
सूरज की किरणों की एक छवि,
पल भर में जलाए, सब कुछ भस्म कर दे।

राख में छुपा एक नया जीवन,
आग की गर्मी से जगता सारा जग,
संकल्प की शक्ति में बसी है,
हर कठिनाई से मिलती है ये दग।

कभी ये तांडव, कभी ये सृजन,
कभी शांति, कभी हो विकराल काजल,
अग्नि का यह नृत्य जीवन का सार,
सिखाती हमें, सही का अद्भुत विचार।

चूल्हे की आँच में बसी मिठास,
पलने में गर्माहट, घर का अहसास,
आग है मित्र, लेकिन बेशक,
सावधानी से ही ये बनती है कलेश।

पृथ्वी की धड़कन, प्रकृति का रूप,
आग की लपटें लाती हैं शांति का शोर,
लेकिन यह भी, सच है इसके खेल,
सजग रहें, समझें, न करें अंधेरे का मेल।

आग की इस कहानी में छिपा है सबक,
जीवन के हर पल में रहें सजग,
आग की गर्मी से मिले जीवन का अर्थ,
संभालें इसे, करें इसका आदर, यही है धर्म।

धरती का आलिंगन

धरती का आलिंगन, प्यार भरा,
सभी का घर, सबको है सहारा,
उसकी गोद में खिलते हैं सपने,
हर रंग में बसी है ये ख्वाबों की चमक।

हरी-भरी ये वादियाँ, बर्फीले पर्वत,
सागर की लहरें, बहे जैसे मधुर गीत,
सूरज की किरणें, सबको जगाएं,
धरती की बाहों में, सुख भरे पल लाएं।

फूलों की खुशबू, मन को भाए,
पत्तों की सरसराहट, मन में समाए,
नदियों का संगीत, बहे जैसे राग,
धरती की छाया में, मिटे हर व्यथित भाग।

चाँदनी रात में, चमकता आसमान,
तारों की महफिल, प्रकृति का सम्मान,
धरती की धड़कन, सुनें हम सभी,
इसके बिना अधूरा, जीवन की कहानी।

संरक्षण करें, इसे सहेजें प्यार से,
धरती है माँ, समझें इसके आधार से,
इसके कण-कण में बसी है प्रीति,
धरती की सुरक्षा, हमारी जिम्मेदारी, यही है नीति।

धरती के आँचल में, हर एक रंग,
हर जीव की कहानी, हर जीवन का संग,
आओ मिलकर इसे, संजोएं हम प्यार,
धरती है जीवन, ये है सबसे बड़ा उपहार।

Rhyming Poem on Nature in Hindi

प्रकृति का गीत

हरी-भरी ये धरती प्यारी,
फूलों से सजी हर क्यारी,
नदियों का बहता संगीत,
प्रकृति गाए अनोखा गीत।

पंछियों की मीठी तान,
सूरज की किरणों का मान,
आकाश में उड़ते बादल,
प्रकृति की हर धुन सरल।

पेड़ों की छांव है ठंडी,
हवा में मिठास सी गुमसुम सी,
झरनों की मस्तानी चाल,
मन में भरती एक नया ख्याल।

सागर की लहरें खेलतीं हैं,
रेत पर किस्से कहतीं हैं,
चाँद-सितारों का ये संसार,
प्रकृति का अद्भुत उपहार।

हर ऋतु की अपनी बात,
सर्दी-गर्मी, बरसात का साथ,
प्रकृति का ये चक्र अनमोल,
धरती पर बिखेरें रंग-रोल।

संभालें इसे, सहेजें इसे,
प्रकृति से ही जीवन बसे,
हम सब इसका मान रखें,
प्रकृति संग जीवन सजीव रखें।

प्रकृति का सजीव संसार

धरती पर बिछी हरियाली,
जैसे माँ की गोद निराली,
नदियों का मधुर संगीत,
प्रकृति का अद्भुत प्रीत।

फूलों में छिपी महक अनमोल,
रंग-बिरंगे ये सुंदर बोल,
तितलियाँ भी झूमतीं रंग-बिरंगी,
प्रकृति ने रची यह दुनिया चंगी।

सूरज की किरणें जगाएं जोश,
चाँदनी रात में फैले होश,
तारों की पलकें झपकतीं रात,
प्रकृति का ये प्यारा साथ।

सागर की लहरें करें पुकार,
झरने गिरते अपार अपार,
पंछी भी उड़ते खुले आसमान,
प्रकृति का हर रूप महान।

बरसात में बादल घुमड़ते हैं,
फसलें हरी-भरी लहलहाते हैं,
प्रकृति देती सबको जीवन,
इसके बिना है सब बेजान।

संभालें इसे, प्यार जताएं,
प्रकृति को हम सदा बचाएं,
जीवन को खुशहाल बनाएं,
प्रकृति से रिश्ते निभाएं।

Short Poem on Nature in Hindi

पशु-पक्षियों की दुनिया

पशु-पक्षियों की है अद्भुत बात,
धरती की गोद में बसी है राहत की सौगात।
पंछियों का चहकना, जैसे मधुर गीत,
फूलों पर बैठकर करते सबको भ्रीत।

गिलहरी की क्यूट हरकत, मस्ती भरी,
बंदरों का खेल, है जीवन की जड़ी।
गाय, बकरी, सबकी है एक जगह,
प्रकृति की धड़कन, सबका है एक रंग।

सूरज की किरणें, जब छूतीं इनको,
नदियों की लहरों में, मिलतीं जिनको।
पशु-पक्षियों की संगत में बसी है खुशी,
प्रकृति का संतुलन, हर प्राणी की सृष्टी।

संभालें इन्हें, समझें इनकी बात,
पशु-पक्षियों की दुनिया, है सबका साथ।
इनकी रक्षा में है, मानवता का वरदान,
प्रकृति के संग, बना रहे सबका एक अभिमान।

पेड़ों का आशीर्वाद

पेड़ हैं जीवन के आधार,
इनकी छांव में मिलता प्यार,
हरी-भरी पत्तियाँ, फल-फूलों से भरे,
प्रकृति के रक्षक, सुख-दुख में खड़े।

सूरज की किरणें जब छूतीं इन्हें,
खुशबू फैलती है, मन को भातीं इन्हें।
पंछियों का बसेरा, हर शाख पर है,
पेड़ की गोद में, जीवन का मजा है।

जड़ों में छिपा, सृजन का जादू,
हर मौसम में हैं ये कर्ता-धर्ता।
संभालें इन्हें, करें इनका मान,
पेड़ों की सुरक्षा, सबका है कर्तव्य, यही है ज्ञान।

सूर्योदय का जादू

सूरज की पहली किरण जब छूती धरती,
हर एक मन में जगाती नई उमंगें और अर्थ।
गुलाबी आसमान में रंग बिखराए,
सुबह की रोशनी, नई उम्मीद लाए।

सुरज की हल्की गर्मी, चिड़ियों का गीत,
फूलों की मुस्कान, प्रकृति का प्रीत।
हर कोना महकता, हर दिल खिलता,
सूर्योदय का जादू, जीवन में निखार लाता।

सहर का यह मंजर, जीवन का अलार्म,
हर रोज़ की शुरुआत, नयी खुशियों का धाम।
आओ, मिलकर मनाएं इस अद्भुत दृश्य को,
सूर्योदय की चमक से भर दें हर दिल को।

सूर्यास्त की छटा

सूर्य जब ढलने लगे क्षितिज के पास,
संग लाए रंग, बिखेरें अनुपम एहसास।
लालिमा छाई, जैसे आग का खेल,
धरती पर बिछी, सुनहरी रेशमी बेल।

सागर की लहरें भी हो गईं शर्मीली,
चाँद की रजत छवि, गुनगुनाए हंसी-खुशी।
पेड़ों की छांव में, सुकून की बात,
सूर्यास्त की गोद में, मिलती है राहत की रात।

पंछियों की उड़ान, घर लौटने का वक्त,
प्रकृति का ये पल, हर दिल में करे रेक।
आओ, हम सब मिलकर करें इस क्षण का जश्न,
सूर्यास्त की खूबसूरती, भर दे मन में प्रेम।

चांदनी रातें

चांदनी रातें, मधुर साज,
चाँद की चाँदनी, दिल का राज।
तारों की जगमग, जैसे ख्वाब,
प्रकृति का ये नजारा, मन करे जबाब।

हल्की ठंडी हवा में मस्तियाँ हैं,
फूलों की खुशबू में बस बस्तियाँ हैं।
चाँद की मुस्कान से झलकता प्यार,
हर दिल में बसी है चांदनी का अहसास।

रात की ये गोद, सारा जग सोए,
चाँदनी में बसीं, खुशियों के निचोड़।
आओ, इस रात का जश्न मनाएं,
चांदनी रातों में मिलकर मुस्कुराएं।

तारों की चमक

रात के गहरे आसमान में,
तारों की झिलमिल, जैसे कोई हसीं कहानी।
एक-एक तारा, ख्वाबों की बात,
सपनों की रंग-बिरंगी जगमगाती रात।

चमकते सितारे, साज सजाते,
हर दिल की धड़कन, ख़ुशियाँ बिखेरते।
अंतरिक्ष में बसीं, नन्ही रोशनी,
तारों की चादर में छिपी है ज़िंदगी।

कुछ दूर, कुछ पास, संग हैं सब,
खामोशी में भी सुनते, दिल के वे सब।
आओ, मिलकर हम इनसे कुछ सीखें,
हर तारे की चमक में, एक नई उम्मीद देखें।

प्रकृति का रंग

हर पत्ते में एक कहानी,
हर फूल में एक ग़ज़ल छिपी।
बारिश की बूंदों में ताज़गी,
धूप की किरणों में है शक्ति।

हरे-भरे पेड़, नीला आकाश,
बादलों का नज़ारा, कितना प्यारा।
प्रकृति का रंग कितना प्यारा,
हर पल बदलता, फिर भी हमारा।

धरती माँ

धरती माँ, हमारी माँ,
देती हमें सब कुछ अपना।
पानी, हवा, अन्न, फल,
हर चीज़ है इसमें समाई।

चलो मिलकर इसे बचाएँ,
प्रदूषण से दूर रखें।
हरियाली बढ़ाएँ, पेड़ लगाएँ,
धरती माँ को खुश रखें।

प्रकृति का संगीत

पंछियों का कलरव, नदी का बहाव,
हवा का झोंका, पत्तों का रसनाव।
ये सब मिलकर बनाते संगीत,
प्रकृति का ये अपना ही सुर है।

चलो सुनें इस संगीत को,
मन को शांत करें।
प्रकृति से जुड़ें, प्रेम करें,
खुद को स्वस्थ रखें।

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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर

  1. प्रकृति पर हिंदी कविताएँ पढ़ने से क्या लाभ होते हैं?

    प्रकृति पर हिंदी कविताएँ पढ़ने से कई लाभ होते हैं। जैसे कि, यह हमारी भावनाओं को समृद्ध बनाती है, हमारी कल्पना शक्ति को बढ़ाती है, हमें प्रकृति के प्रति प्रेम और सम्मान की भावना पैदा करती है, और हमें जीवन के बारे में नए दृष्टिकोण देती है।

  2. प्रकृति का हमारे जीवन में क्या महत्व है?

    प्रकृति हमारे जीवन का आधार है। यह हमें सांस लेने के लिए ऑक्सीजन, पीने के लिए पानी और भोजन प्रदान करती है। प्रकृति हमें मनोरंजन के लिए जगह, औषधियों के लिए संसाधन और आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है। यह जैव विविधता का घर है और जलवायु को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

  3. प्रकृति पर हिंदी कविताएँ क्यों लिखी जाती हैं?

    प्रकृति पर हिंदी कविताएँ लिखने के पीछे कई कारण हैं। सबसे पहले, प्रकृति मानव जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है और हम सभी प्रकृति की सुंदरता से प्रभावित होते हैं। कविता के माध्यम से, कवि प्रकृति की सुंदरता, शक्ति और रहस्यों को शब्दों में पिरोकर व्यक्त करते हैं। इसके अलावा, प्रकृति पर कविताएँ हमें प्रकृति के साथ हमारे जुड़ाव को महसूस करने और उसकी रक्षा करने के लिए प्रेरित करती हैं।

  4. प्रकृति का संरक्षण क्यों जरूरी है?

    मानवीय गतिविधियों के कारण प्रकृति तेजी से नष्ट हो रही है। वनों का कटाव, प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन आदि इसके प्रमुख कारण हैं। प्रकृति का संरक्षण इसलिए जरूरी है क्योंकि यह हमारे अस्तित्व के लिए आवश्यक है। यदि हमने प्रकृति को बचाना नहीं सीखा तो आने वाली पीढ़ियों को इसके गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

निष्कर्ष

प्रकृति कविता का इतिहास बेहद समृद्ध है। सदियों से कवियों ने प्रकृति को अपनी कविताओं का विषय बनाया है और अपनी रचनाओं के माध्यम से हमें प्रकृति की सुंदरता से रूबरू कराया है। प्रकृति कविता न केवल मनोरंजन का साधन है बल्कि यह हमें प्रकृति के प्रति जागरूक बनाने और प्रकृति के संरक्षण के लिए प्रेरित करने का भी काम करती है।

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