क्या आप ढूंढ रहे हैं Pichhada Varg यानि पिछड़ा वर्ग किसे कहते हैं? तो बिल्कुल सही लेख पढ़ रहे है। इस पृष्ठ पर हम anya pichhada varg ka arth के बारे में विस्तार से जानेंगे। और इससे सम्बंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर भी जानेंगे। अतः आगे ध्यान से पूरी आर्टिकल पढ़े।
इस लेख का मुख्य बिंदु:
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 15(4), 16(4) और 340(1) में पिछड़े वर्गों को सशक्त बनाने के लिए प्रावधान हैं।
- सरकार पिछड़े वर्गों के लोगों को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण दे सकती है।
- अनुच्छेद 340(1) के तहत सरकार एक आयोग बना सकती है जो पिछड़े वर्गों की समस्याओं का अध्ययन करे और सुधार के उपाय सुझाए।
आगे विस्तार से पढ़े – पिछड़ा वर्ग कौन है, अर्थ क्या, संविधान में क्या प्रावधान है, जनसंख्या और आरक्षण कितना प्रतिशत है इत्यादि।
पिछड़ा वर्ग किसे कहते हैं | Pichhada Varg Kise Kahate Hain
भारत के संविधान में पिछड़े वर्गों के लिए संवैधानिक प्रावधान: भारत के संविधान के अनुच्छेद 15(4), 16(4) और 340(1) में “पिछड़े वर्ग” शब्द का स्पष्ट उल्लेख किया गया है। इन अनुच्छेदों का उद्देश्य समाज के उन वर्गों को सशक्त बनाना है जो लंबे समय से सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े रहे हैं।
आगे इन अनुच्छेदों के बारे में विस्तार से जानें:
भारत के संविधान के अनुच्छेद 15(4): इस अनुच्छेद की या अनुच्छेद 29 के खंड (2) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
भारत के संविधान के अनुच्छेद 16(4): इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को पिछड़े हुए नागरिकों के किसी वर्ग के पक्ष में, जिनका प्रतिनिधित्व राज्य की राय में राज्य के अधीन सेवाओं में पर्याप्त नहीं है, नियुक्तियों या पदों के आरक्षण के लिए उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।
पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिए आयोग की नियुक्ति
भारत के संविधान के अनुच्छेद 340(1): राष्ट्रपति, भारत के राज्यक्षेत्र के भीतर सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े वर्गों की दशाओं के और जिन कठिनाइयों को वे झेल रहे हैं उनके अन्वेषण के लिए और उन कठिनाइयों को दूर करने और उनकी दशा को सुधारने के लिए संघ या किसी राज्य द्वारा जो उपाय किए जाने चाहिएं उनके बारे में और उस प्रयोजन के लिए संघ या किसी राज्य द्वारा जो अनुदान किए जाने चाहिएं और जिन शर्तों के अधीन वे अनुदान किए जाने चाहिएं उनके बारे में सिफारिश करने के लिए, आदेश द्वारा, एक आयोग नियुक्त कर सकेगा जो ऐसे व्यक्तियों से मिलकर बनेगा जो वह ठीक समझे और ऐसे आयोग को नियुक्त करने वाले आदेश में आयोग द्वारा अनुसरण की जाने वाली प्रक्रिया परिनिश्चित की जाएगी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर
-
पिछड़ा वर्ग में कितनी जातियां आती हैं?
भारत में पिछड़ा वर्ग यानी ओबीसी के तहत आने वाली करीब 2600 जातियां हैं।
-
पिछड़ा वर्ग और ओबीसी में क्या अंतर है?
पिछड़ा वर्ग और ओबीसी दोनों का मतलब एक ही होता है। ओबीसी संक्षिप्त नाम है, जिसका फुलफॉर्म “Other Backward Classes” होता है, जो सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े हुए सभी समूहों को संदर्भित करता है।
निष्कर्ष
भारतीय संविधान सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों को विशेष अधिकार प्रदान करता है ताकि उन्हें मुख्यधारा में लाया जा सके। संविधान में पिछड़ा वर्ग आयोग बनाने का प्रावधान है, जो पिछड़े वर्गों की समस्याओं का अध्ययन करे और सुधार के उपाय सुझाए।
आशा है इस लेख में दी गई जानकारी पिछड़ा वर्ग की परिभाषा और उनकी स्थिति, आरक्षण, जनसंख्या आपको पसंद आया हो तो अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और परिचितों में सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे – फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर, टेलीग्राम और पिंटरेस्ट इत्यादि पर शेयर करें और नीचे कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया जरूर दे।