Funny Story in Hindi: दोस्तों, क्या आप भी कभी इतना हँसे हैं कि पेट दर्द होने लगा हो? अगर हाँ, तो आप अकेले नहीं हैं। हँसी एक ऐसी दवा है जो बिना किसी साइड इफेक्ट के हमारे मन को प्रसन्न करती है। आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ हिंदी कहानी मजेदार जो आपको हँसी से लोटपोट कर देंगी।
हिंदी कहानी मजेदार (Funny Story in Hindi)
इस लेख में KhojHal आपके के लिए 10 मजेदार कहानियां की एक विस्तृत श्रृंखला लेकर आया हैं, जैसे:-
कहानी 1: पप्पू की अनोखी होशियारी
एक गाँव में पप्पू नाम का एक आदमी रहता था। पप्पू को लगता था कि वो दुनिया का सबसे होशियार आदमी है और हर काम में उसका कोई जवाब नहीं। एक दिन उसने सोचा कि गाँव वालों को अपनी होशियारी दिखानी चाहिए। उसने गाँव में घोषणा कर दी कि वो एक गधे को गाय की तरह दूध देने के लिए तैयार कर सकता है!
गाँव वाले सुनकर हैरान थे और उसे पागल समझ रहे थे, लेकिन पप्पू की शरारतें देखने का मजा ही कुछ और था, सो सब लोग इकट्ठा हो गए। पप्पू ने एक बड़े से बर्तन में पानी भर दिया और उसमें सफेद चूना मिला दिया ताकि वो दूध जैसा दिखे। फिर उसने गधे के पास जाकर उसे प्यार से थपथपाते हुए कहा, “चलो मेरे दोस्त, अब अपने दूध की शक्ति दिखाओ।”
गधा तो गधा ही था, उसने उल्टे लात मारकर पप्पू को गिरा दिया और उसके ऊपर पूरी बाल्टी का “दूध” गिर गया। पप्पू के चेहरे से लेकर कपड़ों तक सब सफेद हो गया, और वो पूरी तरह भीग चुका था। गाँव वाले ठहाके लगाकर हँसने लगे। पप्पू ने सोचा कि उसे कोई चालाकी करनी चाहिए और बोला, “देखो, इस गधे ने तो मुझे खुद अपने दूध का हिस्सा दे दिया। ये प्यार का प्रतीक है!”
लेकिन पप्पू का यह बयान सुनकर गाँव वाले और भी जोर से हँसने लगे और बोले, “अरे पप्पू, प्यार से तो सही, पर ये गधा तेरे प्यार को ज़रा अजीब तरीके से समझता है!”
गाँव के लोग पप्पू के इस कारनामे को लेकर हँसी-ठिठोली करते रहे, और पप्पू खुद अपनी बेवकूफी पर हँसता-झुंझलाता घर लौट गया। उस दिन के बाद गाँव में कोई पप्पू के कारनामे भूल नहीं पाया, और हर बार पप्पू कुछ नया करता, लोग उसकी इस “दूध वाली होशियारी” को याद करके पेट पकड़कर हँसने लगते।
कहानी 9: रामू और डरावना भूत का सच
एक गाँव में रामू नाम का एक सीधा-साधा आदमी रहता था, लेकिन उसकी एक अजीब आदत थी। उसे हर चीज का बेहद डर था, खासकर भूत-प्रेत का। एक दिन उसके दोस्त श्यामू ने उससे मजाक करने का प्लान बनाया। श्यामू ने गाँव वालों के साथ मिलकर एक डरावना खेल रचने का सोचा।
रात के अंधेरे में जब रामू अपने खेत से वापस लौट रहा था, तो उसने रास्ते में एक सफेद कपड़े में लिपटा हुआ एक “भूत” देखा। असल में, यह श्यामू ही था जो भूत बना हुआ था। रामू डर के मारे काँपने लगा और सोचने लगा कि उसकी जिंदगी अब यहीं खत्म हो जाएगी। तभी श्यामू ने अपने भूत की आवाज में बोला, “मैं इस गाँव का सबसे खतरनाक भूत हूँ! अगर तुझे अपनी जान प्यारी है, तो मुझे हर महीने एक किलो दूध और एक किलो मावे की मिठाई चढ़ानी होगी!”
रामू डर के मारे काँपते हुए बोला, “हाँ भूतजी, मैं आपकी बात जरूर मानूँगा।” वो डरते-डरते भागकर अपने घर पहुँचा और पूरी रात डर के मारे सो नहीं पाया।
अगले दिन श्यामू और उसके दोस्त रामू के पास आए और उससे भूत का किस्सा सुनाने लगे। बेचारा रामू इतनी बुरी तरह डर गया था कि उसने डरते-डरते बताया, “कल रात मैं खुद भूत से मिला! उसने मुझे हर महीने मावे की मिठाई और दूध चढ़ाने को कहा है, नहीं तो वो मुझे उठाकर ले जाएगा!”
श्यामू और दोस्तों ने अपनी हँसी को छुपाते हुए सिर हिलाया और बोले, “अरे हाँ, उस भूत से बचने का यही एकमात्र तरीका है। अब तुम्हें हर महीने उसे मिठाई और दूध चढ़ाना होगा।”
रामू ने हर महीने मावे और दूध का इंतजाम करना शुरू कर दिया, और हर बार उसकी मिठाई श्यामू और उसके दोस्तों की थाली में पहुँच जाती। इस तरह, रामू की डर की आदत ने उसे भूत के नाम पर गाँव वालों का खिलौना बना दिया, और श्यामू हर बार उसकी मासूमियत पर हँसी-ठिठोली करता रहा।
कुछ महीनों बाद, जब रामू को असलियत पता चली, तो उसने खुद को आईने में देखा और हँसते हुए कहा, “अरे भूत तो मैं ही बना हुआ था!” और इस तरह रामू की मासूमियत पर खुद को हँसता देख उसके दोस्त भी हँसते-हँसते लोटपोट हो गए।
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कहानी 8: गोलू और उसकी जादुई टोपी
एक छोटा सा लड़का था, जिसका नाम था गोलू। गोलू बहुत ही शरारती और जिज्ञासु था। एक दिन, वह अपने दादा के पुराने कमरे में खेल रहा था। वहां उसे एक बहुत ही अजीब सी टोपी मिली। यह टोपी आम टोपियों से बिल्कुल अलग थी। यह सुनहरे धागों से बुनी हुई थी और इसके ऊपर चाँद और तारे बने हुए थे।
गोलू ने टोपी पहनी और तुरंत ही उसे लगा कि कुछ अजीब हो रहा है। जैसे ही उसने आँखें बंद कीं और मन ही मन कुछ सोचा, वैसे ही वह उस चीज़ में बदल गया जो उसने सोचा था। एक बार वह एक बड़ा सा हाथी बन गया, फिर एक उड़ता हुआ पक्षी, और फिर एक रंग-बिरंगा तितली।
गोलू बहुत खुश था। उसने सोचा कि उसे एक जादुई टोपी मिल गई है। उसने अपने दोस्तों को बुलाया और उन्हें भी यह टोपी पहनने दी। उसके दोस्त भी बहुत खुश हुए और वे अलग-अलग जानवरों में बदलने लगे। वे एक साथ जंगल में घूमने गए, समुद्र में तैरने गए और आसमान में उड़ने लगे।
लेकिन एक दिन, गोलू ने गलती से सोच लिया कि वह एक बड़ा सा पत्थर बन गया है। वह जमीन पर गिर गया और हिल भी नहीं पा रहा था। उसके दोस्त उसे ढूंढने लगे लेकिन उन्हें कहीं नहीं मिला।
तभी गोलू को याद आया कि उसे क्या करना है। उसने अपनी आँखें बंद कीं और मन ही मन सोचा कि वह वापस से गोलू बन गया है। तुरंत ही वह पत्थर से बदलकर फिर से एक छोटा सा लड़का बन गया।
उस दिन के बाद, गोलू ने कभी भी अपनी जादुई टोपी का गलत इस्तेमाल नहीं किया। उसने सीखा कि जादू का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए।
कहानी 7: बिल्ली की जिज्ञासा
कौन कहता है कि जानवर नहीं सोचते? मेरी प्यारी बिल्ली, मिऊं, ने एक दिन ऐसा कारनामा कर दिखाया कि मैं दांतों से जीभ दबाए रह गया।
एक रात, मैं अपनी खिड़की के पास बैठा था, चाँद की रोशनी में किताब पढ़ रहा था। तभी मेरी नज़र मिऊं पर गई। वो खिड़की पर चढ़ गई थी और चाँद को घूर रही थी। उसकी आँखें बड़ी-बड़ी हो गई थीं, जैसे वो चाँद को छूना चाहती हो।
मैंने सोचा, “शायद उसे चाँद पनीर लग रहा है!”
अगले ही पल, मिऊं ने छलांग लगाई। हाँ, आपने सही सुना, छलांग! उसने खिड़की से छलांग लगा दी। मैं तो सन्न रह गया।
खैर, वो चाँद तक तो नहीं पहुंच पाई, लेकिन खिड़की के नीचे रखे गमले में जा गिरी। वो इतनी जोर से गिरी कि गमला ही टूट गया।
मैं दौड़कर उसके पास गया और उसे उठाया। वो थोड़ी सी घबराई हुई थी, लेकिन जल्दी ही सामान्य हो गई।
उस दिन के बाद से, मैं जब भी चाँद देखता हूँ, तो मिऊं की वो छलांग याद आ जाती है। और हां, अब मैं जानता हूँ कि बिल्लियाँ कितनी जिज्ञासु होती हैं!
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कहानी 6: नटखट बच्चे की शरारत
एक छोटा बच्चा अपनी दादी से पूछता है, “दादी, मैं कहाँ से आया था?”
दादी मुस्कुराकर कहती हैं, “बेटा, तू एक गोभी के बीज से निकला था।”
कुछ दिन बाद बच्चा अपनी दादी को बगीचे में गोभी के पौधे के पास ले जाता है और कहता है, “दादी, मुझे भी एक भाई चाहिए!”
कहानी 5: पति-पत्नी का मज़ेदार संवाद
पत्नी: मुझे एक नया कोट चाहिए।
पति: तुम्हारे पास तो पहले से ही पांच कोट हैं।
पत्नी: लेकिन ये सब पिछले साल के फैशन के हैं।
पति: और तुम्हारी शादी भी पिछले साल ही हुई थी।
कहानी 4: दोस्तों के बीच मज़ाक
दोस्त: यार, मैंने कल एक ऐसा सपना देखा कि मैं उड़ रहा था।
दूसरा दोस्त: वाओ! बहुत बढ़िया! और फिर?
पहला दोस्त: फिर मैं जाग गया और बिस्तर से गिर गया।
कहानी 3: टीचर और छात्र
एक टीचर क्लास में बच्चों को पढ़ा रही थी। उसने एक बच्चे से पूछा, “बताओ, अगर तुम्हारे पास एक खरगोश और एक कछुआ हो, तो तुम किसको दौड़ लगाने के लिए चुनोगे?” बच्चे ने जवाब दिया, “मैं खरगोश को चुनूंगा।” टीचर ने पूछा, “क्यों?” बच्चे ने कहा, “क्योंकि मुझे खरगोश की दौड़ देखना बहुत पसंद है!”
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कहानी 2: बबलू और उसकी बहादुरी
बबलू को हमेशा लगता था कि वो बहुत बहादुर है। एक दिन उसने सोचा कि अपनी बहादुरी दिखाने के लिए गाँव के सबसे बड़े पेड़ पर चढ़ेगा। जैसे ही वो पेड़ पर चढ़ा, एक बंदर ऊपर से कूदकर उसकी टोपी लेकर भाग गया। बबलू चिल्लाया, “अरे! मेरी टोपी!” उसने सोचा कि वो बंदर को डरा देगा, तो जोर से बोला, “अबे बंदर, मेरी टोपी वापस दे वरना मैं तुझे पकड़ लूँगा!”
बंदर ने उसकी बात सुनकर जवाब में एक ठहाका लगाया और पास की डाली पर आराम से बैठ गया। बेचारा बबलू पूरे गाँव के सामने पेड़ पर ही लटका रह गया और सभी लोग उसकी इस “बहादुरी” पर हँसते रहे!
कहानी 10: गोलू का स्मार्ट आइडिया
गोलू को पढ़ाई से बहुत डर लगता था और उसे हमेशा नए-नए बहाने मिलते थे। एक दिन मास्टर जी ने उससे पूछा, “गोलू, तुमने होमवर्क क्यों नहीं किया?”
गोलू ने कहा, “मास्टर जी, मेरे कुत्ते ने मेरी कॉपी खा ली!”
मास्टर जी बोले, “अच्छा, तुम ये बताओ कि कल की कक्षा में क्या हुआ था।”
गोलू बोला, “कल कक्षा में… मास्टर जी, आपको तो याद होगा! कल भी मेरे कुत्ते ने मुझे गेट के बाहर ही खड़ा रखा था!”
सभी बच्चे और मास्टर जी गोलू के बहाने सुनकर हँसी से लोटपोट हो गए। और उस दिन गोलू की बहानों की स्मार्टनेस पर सबने ठहाके लगाए!
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कहानी 11: पिंकी की चालाकी
पिंकी को मिठाई खाना बहुत पसंद था। एक दिन उसने अपनी माँ से कहा, “माँ, मुझे पूरे हफ्ते अच्छे से काम करने के लिए एक इनाम चाहिए।”
माँ ने हँसते हुए कहा, “ठीक है, पर पहले काम कर दिखाओ!”
अगले ही दिन, पिंकी ने अपने छोटे भाई को अपने सारे काम करने के लिए कह दिया और खुद आराम से बैठकर मिठाई का इंतजार करने लगी। माँ ने जब देखा कि पिंकी कुछ नहीं कर रही, तो उसे डांटा, “पिंकी, तुमने तो कुछ किया ही नहीं!”
पिंकी चौंकते हुए बोली, “माँ, मैं तो प्रबंधन सीख रही थी!”
माँ की हँसी छूट गई, और उसने कहा, “बेटा, तुम्हारा प्रबंधन तो बहुत अच्छा है, पर मिठाई नहीं मिलेगी!” और सभी पिंकी की चालाकी पर खूब हँसे!
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर
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हिंदी हास्य कहानियों को पढ़ने के क्या फायदे हैं?
हिंदी हास्य कहानियों को पढ़ने से तनाव कम होता है, मूड अच्छा होता है और रचनात्मकता बढ़ती है। हास्य कहानियां हमें जीवन को हल्के से लेने और मुश्किल परिस्थितियों में भी हंसने की ताकत देती हैं। इसके अलावा, हास्य कहानियां भाषा और साहित्य के प्रति रुचि बढ़ाने में भी मदद करती हैं।
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हिंदी हास्य कहानियों के लोकप्रिय लेखक कौन हैं?
हिंदी हास्य कहानियों के कई लोकप्रिय लेखक हैं, जैसे कि मुंशी प्रेमचंद, शरद जोशी, और कई आधुनिक लेखक। आप इन लेखकों के कार्यों को पढ़कर उनकी शैली और हास्य के तरीके को समझ सकते हैं।
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निष्कर्ष
दोस्तों, ये तो थीं कुछ मज़ेदार कहानियाँ जो हम आपके साथ साझा करना चाहते थे। हम उम्मीद करते हैं कि आप इन कहानियों को पढ़कर खूब हँसे होंगे। अगर आपको ये कहानियाँ मजेदार स्टोरी इन हिंदी पसंद आई हैं, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें।
संपादक का नोट: यह लेख मजेदार कॉमेडी कहानी मूल रूप से अक्टूबर 29, 2024 को प्रकाशित किया गया था। इसे और अधिक व्यापक, सटीक और प्रासंगिक बनाने के लिए अप्रैल 03, 2025 को अपडेट किया गया है। हमें आशा है कि यह संस्करण आपकी अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा। यदि आपके पास कोई सुझाव या प्रतिक्रिया हो, तो कृपया हमें अवश्य बताएं। आपकी राय हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। धन्यवाद!