छोटी कहानियों में छुपे गहरे संदेश! 20 Lines Short Stories with Moral आपको सिखाएंगी जीवन के महत्वपूर्ण सबक, वो भी संक्षिप्त और मनोरंजक तरीके से। पढ़ें और प्रेरित हों!
20 Lines Short Stories with Moral (20 पंक्तियों की नैतिकता सहित लघु कहानी)
कहानियां हमेशा से हमारे जीवन का अभिन्न अंग रही हैं। वे न केवल हमारा मनोरंजन करती हैं, बल्कि हमें जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी सिखाती हैं। छोटी कहानियां अपनी संक्षिप्तता के कारण अधिक प्रभावी होती हैं और आसानी से याद रह जाती हैं। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम 5 ऐसी छोटी कहानियां पढ़ेंगे जिनमें एक गहरा नैतिक संदेश छिपा है।
कहानी 5: लालची कुत्ता
एक बार की बात है, एक कुत्ता बहुत भूखा था। वह इधर-उधर खाने की तलाश में भटक रहा था। काफी देर तक खोजने के बाद, उसे एक हड्डी मिल गई। कुत्ता बहुत खुश हुआ और हड्डी को मुंह में दबाकर आराम से चलने लगा।
वह अपने घर की ओर जा रहा था, तभी रास्ते में एक नदी आई। नदी पर एक पुल बना हुआ था। कुत्ता पुल पार कर रहा था, लेकिन अचानक उसने पानी में झाँका।
पानी में उसे अपनी ही परछाई दिखाई दी, लेकिन उसे ऐसा लगा जैसे पानी में कोई दूसरा कुत्ता भी हड्डी लिए खड़ा है। उस हड्डी को देखकर उसका लालच बढ़ गया।
उसने सोचा, “अगर मैं उस कुत्ते की हड्डी भी ले लूं, तो मेरे पास दो हड्डियाँ हो जाएंगी।” यह सोचकर उसने ज़ोर से भौंकना शुरू कर दिया।
जैसे ही उसने मुँह खोला, उसकी अपनी हड्डी पानी में गिर गई। हड्डी डूब गई और वह खाली हाथ रह गया।
अब कुत्ते को अपनी गलती का एहसास हुआ। वह दुखी होकर सोचने लगा, “काश मैंने लालच न किया होता।”
शिक्षा: लालच का परिणाम हमेशा बुरा होता है।
कहानी 4: किसान और सांप
एक बार की बात है, एक दयालु किसान ठंड के मौसम में अपने खेतों में काम कर रहा था। अचानक उसकी नजर एक सांप पर पड़ी, जो ठंड से ठिठुर रहा था और मरणासन्न अवस्था में पड़ा था।
किसान को सांप पर दया आ गई। उसने सोचा, “बेचारा ठंड से मर जाएगा। मुझे इसकी मदद करनी चाहिए।”
बिना किसी डर के, किसान ने सांप को उठाया और अपनी छाती से लगाकर गर्म करने लगा। धीरे-धीरे सांप को गर्मी मिलने लगी और वह होश में आ गया।
जैसे ही सांप पूरी तरह से ठीक हुआ, उसने अपनी फितरत दिखाई। उसने किसान को डस लिया।
किसान को सांप के इस विश्वासघात पर गहरा आघात पहुँचा। उसने दुख और पीड़ा में कहा, “मैंने तुम्हारी जान बचाई, फिर भी तुमने मुझे डस लिया।”
सांप फुफकारते हुए बोला, “यह मेरी प्रकृति है। मैं इसे नहीं बदल सकता।”
किसान को अपनी गलती का एहसास हो गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
शिक्षा: बुरे लोगों पर दया करना, अपने लिए संकट खड़ा करना है।
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कहानी 3: अंधा आदमी और हाथी
एक समय की बात है, एक गाँव में कुछ अंधे आदमी रहते थे। वे सभी जन्म से ही अंधे थे और कभी दुनिया को देख नहीं पाए थे। फिर भी, वे हमेशा नई चीजें जानने और समझने की कोशिश करते थे।
एक दिन गाँव में एक हाथी आया। गाँव के लोगों ने सोचा कि यह अंधों के लिए एक अच्छा मौका होगा ताकि वे जान सकें कि हाथी कैसा होता है।
गाँव के लोग अंधों को हाथी के पास ले गए और उन्हें हाथी को छूने को कहा। अंधे लोग बहुत उत्साहित थे।
पहला आदमी हाथी के पेट को छूता है और कहता है, “हाथी तो एक बड़ी दीवार जैसा है, बहुत मजबूत और चौड़ा।”
दूसरा आदमी हाथी के दांतों को छूता है और कहता है, “नहीं, हाथी तो एक नुकीले भाले जैसा है।”
तीसरा आदमी हाथी की सूंड को पकड़ता है और बोलता है, “तुम दोनों गलत हो, हाथी तो एक मोटी रस्सी जैसा है।”
चौथा आदमी हाथी के पैर को छूता है और कहता है, “मुझे तो यह किसी बड़े खंभे जैसा लगता है।”
पाँचवाँ आदमी हाथी के कान को छूता है और कहता है, “नहीं, हाथी तो एक बड़ा पंखा जैसा है।”
छठा आदमी हाथी की पूंछ को छूता है और कहता है, “हाथी तो एक पतली रस्सी जैसा है।”
सभी अंधे अपनी-अपनी बात पर अड़े रहे और आपस में बहस करने लगे। हर कोई सोचता था कि वही सही है और बाकी सब गलत।
तब गाँव के एक बुद्धिमान व्यक्ति ने उन्हें समझाया, “तुम सभी सही हो, लेकिन केवल अपनी-अपनी समझ के अनुसार। तुमने हाथी का जो हिस्सा छुआ, उसी के आधार पर अपनी राय बनाई। लेकिन सच यह है कि हाथी इन सभी हिस्सों से मिलकर बना है।”
अंधे लोग यह सुनकर समझ गए कि हर किसी की सोच उसकी सीमित समझ पर निर्भर करती है।
शिक्षा: हर किसी की राय उनके अनुभव पर आधारित होती है। हमें दूसरों के नजरिए को भी समझने की कोशिश करनी चाहिए, क्योंकि सच्चाई अक्सर कई दृष्टिकोणों से मिलकर बनती है।
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कहानी 2: बंदर और टोपी विक्रेता
- एक बार की बात है, एक टोपी विक्रेता गाँव-गाँव जाकर टोपियाँ बेचता था।
- एक दिन, वह जंगल के रास्ते से गुजर रहा था।
- दोपहर के समय, वह बहुत थक गया और एक पेड़ के नीचे आराम करने लगा।
- आराम करने से पहले उसने अपनी टोपी की टोकरी पास में रख दी।
- उस पेड़ पर कई शरारती बंदर रहते थे।
- जैसे ही टोपी विक्रेता सो गया, बंदरों ने उसकी टोपियाँ देख लीं।
- उनकी शरारती फितरत जाग उठी, और वे सभी टोपियाँ लेकर पेड़ पर चढ़ गए।
- जब टोपी विक्रेता की नींद खुली, तो उसने देखा कि टोपियाँ गायब हैं।
- उसने ऊपर देखा, तो पाया कि सभी बंदरों ने उसकी टोपियाँ पहन ली हैं।
- यह देखकर वह बहुत परेशान हो गया।
- उसने बंदरों से टोपियाँ वापस माँगने की कोशिश की, लेकिन वे सिर्फ उसकी नकल करते रहे।
- अचानक, उसे एक पुरानी कहानी याद आई।
- उसने जानबूझकर अपनी टोपी उतारकर जमीन पर फेंक दी।
- बंदरों ने भी उसकी नकल करते हुए टोपियाँ नीचे फेंक दीं।
- टोपी विक्रेता ने जल्दी से सारी टोपियाँ इकट्ठा कर लीं।
- वह खुश हुआ और समझ गया कि चालाकी से समस्या हल की जा सकती है।
- उसने टोकरी उठाई और खुशी-खुशी आगे बढ़ गया।
- बंदर पेड़ पर चुपचाप उसे जाते हुए देखते रहे।
- विक्रेता को यह भी समझ आया कि नकल करने से पहले सोचना चाहिए।
- शिक्षा: बिना सोचे-समझे नकल करना नुकसानदायक हो सकता है।
कहानी 1: कौआ और घड़ा
गर्मियों के दिन थे। सूरज तेज़ी से चमक रहा था और चारों ओर लू चल रही थी। सभी जीव-जंतु प्यास से परेशान थे।
एक कौआ भी बहुत प्यासा था। वह पानी की तलाश में इधर-उधर उड़ रहा था। वह कई जगह गया, लेकिन कहीं भी पानी नहीं मिला।
काफी देर तक उड़ने के बाद, वह थक गया और एक पेड़ की डाली पर बैठ गया। उसकी प्यास बढ़ती जा रही थी और वह निराश हो गया था।
अचानक, उसकी नज़र पास में रखे एक घड़े पर पड़ी। वह खुशी-खुशी उड़ कर घड़े के पास पहुँचा।
उसने घड़े में झाँक कर देखा, लेकिन उसमें बहुत थोड़ा सा पानी था। पानी इतना नीचे था कि उसकी चोंच वहाँ तक नहीं पहुँच सकती थी।
कौए ने कोशिश की, लेकिन असफल रहा। वह बहुत परेशान हो गया और सोचने लगा कि अब क्या किया जाए।
तभी उसके दिमाग में एक उपाय आया। उसने सोचा, “अगर मैं घड़े में कंकड़ डालूं, तो पानी ऊपर आ सकता है।
यह सोचकर वह तुरंत आसपास से छोटे-छोटे कंकड़ इकट्ठा करने लगा।
एक-एक कर उसने घड़े में कंकड़ डालने शुरू किए। जैसे-जैसे वह कंकड़ डालता गया, पानी धीरे-धीरे ऊपर उठने लगा।
थोड़ी देर बाद, पानी इतनी ऊँचाई पर आ गया कि कौआ आसानी से अपनी चोंच से पानी पी सके।
कौए ने अपनी प्यास बुझाई और राहत महसूस की।
वह बहुत खुश हुआ कि उसकी समझदारी और धैर्य ने उसकी मदद की।
अब कौआ जान गया था कि मुश्किल समय में दिमाग से काम लेना चाहिए।
उसने यह भी सीखा कि समस्या चाहे कितनी भी बड़ी क्यों न हो, अगर हम शांत रहकर सही रास्ता ढूंढें, तो समाधान जरूर मिलता है।
प्यास बुझने के बाद, कौआ खुशी-खुशी उड़ गया और अपने अनुभव से समझदारी की सीख ले ली।
शिक्षा: जहां चाह, वहां राह। कठिन परिस्थितियों में भी अगर हम धैर्य और समझदारी से काम लें, तो कोई भी समस्या हल की जा सकती है।
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अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उत्तर
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छोटी कहानियों का महत्व क्या है?
छोटी कहानियां अपनी संक्षिप्तता के कारण अधिक प्रभावी होती हैं। वे हमें जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाती हैं और आसानी से याद रह जाती हैं। बच्चों के लिए ये कहानियां नैतिक मूल्यों को समझने का एक शानदार तरीका हैं।
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नैतिक मूल्यों का कहानियों में क्या रोल है?
नैतिक मूल्य कहानियों का अभिन्न अंग हैं। वे कहानियों को गहराई और प्रेरणा देते हैं। नैतिक मूल्यों के माध्यम से, हम सही और गलत के बीच अंतर करना सीखते हैं, और एक बेहतर इंसान बनते हैं।
निष्कर्ष
ये 5 छोटी कहानियां हमें जीवन के महत्वपूर्ण सबक सिखाती हैं। हमें इन कहानियों से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने जीवन में अच्छे गुणों को अपनाना चाहिए।